मत कहो नाजुक सी कली
मत कहो नाजुक सी कली लड़कियों को हमेशा नाजुक सी कली क्यों समझा जाता है ? क्यों ? लड़कियों को फूल से कम्पेयर किया जाता है , माना कि हमें मासूम - सी, नाजुक -सी बना दिया है जमाने ने ,पर उस नाजुक -सी कली को तोड़ने का हक क्या हर किसी को है । जब चाहे जमाना खेल जाता है उनके ज जज़्बातों से ,कभी उनके सपनों को तोड़ा जाता है,तो कभी उनके हौसलों को, कभी उनके दिल से खेला जाता है, तो कभी उनके जिस्म से। तो कभी - कभी उन्हें भी खत्म करने की कोशिश की जाती है। फिर क्यों लड़कियों को नाजुक -सी कली कहा जाता है ? इतना सब होने के बाद भी एक फूल टूटकर बिखर जाता है। फिर भी ये लड़कियां हिम्मत कर मजबूती के साथ उठ खड़ी हो जाती है मत कहो ना लड़कियों को नाजुक -सी फूल की कली। आकांक्षा रैकवार सागर मध्यप्रदेश