वक्त पर सुनना जरूरी है
वक्त पर सुनना जरूरी है
सुन लो ना वक्त रहते वो दर्द भरी चीखें
क्युकी न जाने कब ये चीखे, सिसकियों में बदल जाए और फिर मौत में
सुन लो ना जो तुम्हे अपना समझ कर दर्द बता रहा है
वरना एक दिन वही दर्द दवाई के पर्चे पर मिले
और फिर डेथ सर्टिफिकेट पर ।
सुन लो उस की भी जिस ने हमेशा तुम्हारी हर बात
सुनी है
और आज अपनी लड़ाई अकेले लड़ रहा है ।
थम लो उसका हाथ जिस ने मुश्किल हालातो में
तुम्हे संभाला है।
आकांक्षा रैकवार
सागर मध्यप्रदेश
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